पापा (Papa | Dad)

वो घुटनों के बल, मुझे पीठ पे लिए चलना,

वो कांधों पर उठा, भीड़ से बच कर निकलना,

ज़्यादा तो नहीं, बस यही कुछ,

हल्की फुलकी सी बातें याद हैं।


छोटी मोटी ग़लतियों पर, लम्बा सा भाषण,

बात समझाने के लिए, अज़ीब से उदाहरण,

आधी रात को उठ, साथ फ़ुट्बॉल देखना,

क्रिकेट मैच के दौरान, अपनी विशेष टिप्पणी देना,

ज़्यादा तो नहीं, बस यही कुछ,

हल्की फुलकी सी बातें याद हैं।


शनिवार शाम को, सब्ज़ी मंडी तक जाना,

हर महीने चक्की से, आटा पिसवाना,

शतरंज खेलने के लिए, लोगों को बहलाना,

या फिर किताबों में, घंटों तक खो जाना,

ज़्यादा तो नहीं, बस यही कुछ,

हल्की फुलकी सी बातें याद हैं।


कहना नहीं पर, हमारी फ़िक्र करना,

दरवाज़े पर खड़े, हमारा इंतज़ार करना,

संगति के लिए, समझदार करना,

बुरी लतों से, आगाह करना,

ज़्यादा तो नहीं, बस यही कुछ,

हल्की फुलकी सी बातें याद हैं।


हल्की फुलकी सी ही सहीं, पापा

बातें तो आपकी बड़ी याद हैं।।


  • Shukla | 2020