दोस्ती (Dosti | Friendship)

यह अपनी दोस्ती,

कुछ परायी सी है।


सालों से जानते हैं हम,

पर पहचान की कमी सी है।

बातें बड़ी करते हैं हम,

पर यह कहानी अधूरी सी है।।


प्रोफ़ाइल वाली तसवीर,

कुछ धुँधली सी है,

और यह मुस्कान,

कुछ मजबूर सी है।

यह अपनी दोस्ती,

परायी भले ही है,

कुछ छुपा रही है,

यह बात छुपी नहीं सी है।


कहती है की वह,

पल में जीती है।

पर जिज्ञासा पश्चात की,

उसे बड़ी होती है।

अधरों पर सच्चाई,

अटकी हुयी सी है,

पर आज निकलेगी नहीं,

यह निश्चित सी है।


अपनी है या परायी,

इसकी परवाह नहीं है।

ख़ुशी यह है,

कि लगती, दोस्ती सी है।


यह अपनी दोस्ती,

कुछ परायी सी है।।


  • Shukla | 2021