डैलस (Dallas)
मेरी कहानी है सरल
जहाँ मन करे वहीं तू चल
दोस्त होंगे, और होगी,
हँसी की खिलखिल,
डैलस चल, बस तू डैलस चल।
दारू भी होगी, दर्द की दवा भी,
और कुछ देर के लिए,
चिंताओं से मुक्ति भी।
मेरे दोस्त, मेरे साथ चल,
डैलस चल, बस तू डैलस चल।
तिरानबे से संतानबे तक,
लिक्खे थे जो किस्से।
आ कर सुनाओ हमको,
नादानियाँ वो दिल से।
करे जो हौसला, उसे ही हो हौसल,
आत्मा की संतृप्ति और जीवन सरल।
दोस्त तू अपनी डगर से ना हिल,
डैलस चल, बस तू डैलस चल।
तू अपने मन को ना मार,
निकल ले, ले कपड़े दो चार।
कालेज के दिनो की, याद होगी,
तेरे कल के लिए, सच्ची फ़रियाद होगी।
जब मन में है ही, यह हलचल,
आज कर ले, तू अपने लिए ये पहल।
डैलस चल, बस तू डैलस चल।।
Shukla | 2021